दिल तू तड़प ना ,की अभी तो बहुत अनदेखी हरकते बाकी हैं,
अभी तो पहेला पन्ना है ज़िन्दगी का ,अभी तो पूरी किताब बाकी है.
संभल जा जलने से पहले ,की सूरज में तो बहुत आग बाकी है ,
जल जाए खुद ,इससे पहले जला दे यादें ,की जलने के लिए एक चिंगारी ही बाकी है ,
अभी तो पहेला पन्ना है ज़िन्दगी का ,अभी तो पूरी किताब बाकी है .
मत जा समंदर के पास ,इन लहरों में अभी बहुत जान बाकी है,
कहीं डूब ना जाए तू इसमें ,की समंदर के नाम अभी तो बहुत मौत बाकी है,
अभी तो पहेला पन्ना है ज़िन्दगी का ,अभी तो पूरी किताब बाकी है.
संभालना तो खुदी को है तुझे ,की अभी भी एक आस बाकी है,
ना जी क्या हासिल करेगा ,की जीने की तो हर बात बाकी है,
अभी तो पहेला पन्ना है ज़िन्दगी का ,अभी तो पूरी किताब बाकी है.
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